31.7.08

frm hi' above i see m'self and wonder
y am i bein' drag'd
y am i bein' whip'd by m'self!
frm in within i feel m'self and shudder
y hv i become so crook'd
y hv i become so dead.

28.7.08

जिंदगी इल्तजा है एक मेरी, सुन तो ले
उल्फत का लम्हा एक उनसे तो होने दे
फिर शिकवा न होगा मुकद्दर चाहे किस राह बुला ले ...
तनहायी के कोहरे में उस पल से शमा रौशन कर लेंगे ।

खुदा का इनायत रही तो
इंतजार जो प्यार का दस्तूर है
उस बाज़ी भी वक़्त से जीत लेंगे
धडकनों के लफ्जों से रूटे सनम को मना लेंगे.